मध्यप्रदेश - पुरानी पेंशन के लिए 20 साल की सेवा अवधि पर पूर्ण पेंशन।
मध्य प्रदेश के शासकीय कर्मचारी को पुरानी पेंशन के तहत रिटायरमेंट के पश्चात 50% पेंशन मिलती है परंतु इसके लिए सेवा अवधि 33 वर्ष की बाध्यता सरकार द्वारा रखी गई है।। जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के तहत 50% पेंशन 20 साल की सेवा अवधि किए जाने पर दी जाती है यह अंतर मध्य प्रदेश में बना हुआ है ।
जिसको लेकर कर्मचारी संगठन राज्य सरकार से समय-समय पर अपनी मांग उठाते आए हैं परंतु सरकार ने ध्यान नहीं दिया।
केंद्र सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय द्वारा 8 साल पहले आदेश जारी किया गया था ।
आदेश जारी होने के बाद ही मध्य प्रदेश सरकार ने इस आदेश पर अमल तो छोड़ो ध्यान भी नहीं दिया अब कर्मचारी संगठन राज्य सरकार के सामने इस मांग को पुरजोर तरीके से उठाने जा रहे हैं ।
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वयक समिति के भोपाल के जिला अध्यक्ष भानु प्रकाश तिवारी ने कहा है कि 6 अप्रैल 2016 को जारी आदेश प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्य सचिव को बताया जाएगा जारी किए आदेश के पॉइंट पांचवें में यह स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि
छठवें वेतनमान आयोग की सिफारिश पर अमल के लिए जारी किए गए निर्देश के अनुसार 1 जनवरी 2006 को या इसके बाद रिटायर्ड हो चुके या रिटायर्ड हो रहे शासकीय कर्मचारियों को पेंशन में 33 वर्ष की सेवा की बाध्यता को हटा दिया गया है।
परंतु मध्य प्रदेश सरकार के कर्मचारियों को इस बाध्यता पर अभी भी अमल हो रहा है अर्थात 33 साल की सर्विस की बाध्यता बनी हुई है जबकि केंद्र के कर्मचारियों को 20 साल की सेवा अवधि पर पूर्ण पेंशन का लाभ मिलता है अब इस मांग को कर्मचारी संगठन खासकर अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वयक समिति पुरजोर तरीके से मध्य प्रदेश सरकार के सामने रखेगी और कर्मचारियों को 20 वर्ष की सेवा अवधि पर पूर्ण पेंशन का लाभ मिले इसके लगातार प्रयास करेगी।
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार यदि पुरानी पेंशन के तहत रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की सेवा अवधि की गणना 33 वर्ष के स्थान पर 20 वर्ष कर देती है तो लाखों कर्मचारियों को लाभ मिलेगा।
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