कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को लेकर राज्यों में अलग-अलग नियम। फुल पेंशन अनुपातिक पेंशन क्या है। कब मिलती है।
शासकीय कर्मचारी की पुरानी पेंशन को लेकर देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नियम बनाए गए हैं। सामान्य कर्मचारी जो नई-नई सेवा में आए हैं वो केवल यह जानते हैं की पुरानी पेंशन का मतलब है लास्ट वेतन का 50% मिलना अर्थात आधी वेतन मिलना परंतु 50% पेंशन भी कब मिलती है कितने समय की सेवा कर्मचारियों को नियमित रूप से देना पड़ती है तब आपको अंतिम वेतन का 50% मिलती है इस सारे जानकारी हम नीचे आपसे शेयर कर रहे हैं।
कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में राज्यों में अलग-अलग नियम देखें।
१. उत्तर प्रदेश में 20 वर्ष की नियमित सेवा होने पर ही फूल पेंशन की पात्रता होती है।
२. छत्तीसगढ़ राज्य में 33 वर्ष नियमित रूप से सेवा करने पर ही फूल पेंशन पात्रता होती है।
३. राजस्थान में कर्मचारियों को 25 वर्ष की नियमित सेवा देने पर ही फूल पेंशन की पात्रता होती है।
४. मध्य प्रदेश में फूल पेंशन के लिए 33 वर्ष की सेवा नियमित रूप से होना जरूरी है।
५. उत्तराखंड में कर्मचारियों के लिए 20 वर्ष की सेवा नियमित होने पर ही फूल पेंशन मिलती है।
६. पंजाब में फूल पेंशन की पात्रता की अवधि 25 वर्ष निर्धारित की गई है।
मेरी सास की कर्मचारियों को 10 वर्ष से कम नियमित सेवा देने के बाद रिटायर्ड हो जाता है तो उसे पुरानी पेंशन के तहत पेंशन भी नहीं मिलती अर्थात पुरानी पेंशन के लिए मिनिमम 10 वर्ष की सेवा अवधि होना जरूरी है। 10 वर्ष से काम की सेवा अवधि पर पुरानी पेंशन के तहत पेंशन नहीं दी जाती।
उदाहरण से समझे
उदाहरण के रूप में मध्य प्रदेश का एग्जांपल ले लेते हैं यदि कोई शासकीय कर्मचारी नियमित रूप से 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करता है और 33 वर्ष से पहले रिटायर्ड हो जाता है तो उसे अंतिम वेतन का 50% पेंशन नहीं मिलती बल्कि अनुपातिक पेंशन दी जाती है।
अर्थात 33 वर्ष से कम सेवा होने पर अनुपातिक पेंशन मिलती है।
आपके क्या विचार है -
शासकीय कर्मचारियों के संदर्भ में विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नियम क्यों है क्या कर्मचारियों के विषय में पुरानी पेंशन को लेकर एक नियम होना चाहिए आपके जो भी विचार हैं कमेंट्स बॉक्स में जरूर लिखे।
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