20 /50 का नियम क्या है शासकीय कर्मचारियों के लिए 20/ 50 का नियम के तहत शासकीय नौकरी से बाहर का रास्ता
मध्य प्रदेश शासन का शासकीय कर्मचारियों के लिए 20/50 का नियम क्या है और इस नियम के तहत क्या कर्मचारियों को नौकरी से बाहर किया जा सकता है चलिए इस नियम के बारे में जानकारी आपसे साझा करते हैं।
मध्य प्रदेश शासन का शासकीय कर्मचारियों के लिए 20/50 का नियम यह है कि ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनकी शासकीय सेवा को 20 वर्ष हो गए हैं या उनकी आयु 50 वर्ष हो गई है।
ऐसे शासकीय कर्मचारियों की सेवा रिकॉर्ड यदि सही नहीं पाया जाता अर्थात कार्य करने में सक्षम नहीं है तो ऐसे शासकीय कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है।
कभी-कभी शासकीय कर्मचारी अपनी लंबी बीमारी का या अन्य किसी कारण का बहाना या जिक्र करके शासकीय ड्यूटी से बचना चाहते हैं जिसमें चुनाव संबंधी ड्यूटी सबसे प्रमुख होती है चुनाव ड्यूटी से शासकीय कर्मचारी बचने के लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा मेडिकल सर्टिफिकेट लगाकर ड्यूटी को कैंसिल करने संबंधी आवेदन समय-समय पर देते रहे हैं।
ऐसे में कटनी जिले द्वारा अभी हाल ही में मध्य प्रदेश विधानसभा में चुनाव संपन्न हुए इसमें ड्यूटी कैंसिल करने वाले कर्मचारियों ने आवेदन में यह कहा की मेडिकल बोर्ड के द्वारा दिया गया आवेदक के अनुसार हमें चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए तो अब कटनी जिले में ऐसे सभी शासकीय कर्मचारी शिक्षक जो इस तरह का आवेदन देकर ड्यूटी करने से मना कर रहे थे उनका 20-50 के नियम के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई संबंधी आदेश जारी हुआ है।
इन सभी शासकीय कर्मचारियों के विगत 3 वर्षों के शासकीय कार्यों का अध्ययन किया जा रहा है यदि अध्ययन के दौरान यह पाया गया कि यह वास्तव में कार्य करने में बहाने बाजी या कार्य करने में सकारात्मक परिणाम नहीं लाते हैं तो ऐसे सभी शासकीय कर्मचारी को सरकार 20-50 का नियम का हवाला देते हुए अनिवार्य सेवानिवृति देकर शासकीय सेवा से बाहर कर सकती है।
सभी शासकीय कर्मचारियों को इस नियम का ज्ञान होना जरूरी है ।
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