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कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के तीन ऑप्शन पूरे देश में होंगे यह नियम लागू !

   

कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन के तीन ऑप्शन पूरे देश में होंगे यह नियम लागू !

 

पूरे देश में कर्मचारी पुरानी पेंशन की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन रैली कर रहे हैं । देश के हर राज्य से ops की मांग उठाई जा रही है।  कर्मचारी संगठन एक मंच पर आकर इस की गुहार राज्य स्तर से लेकर दिल्ली तक पहुंचा रहे हैं कुछ राज्य सरकारों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दिया है परंतु उन कर्मचारियों का एनपीएस में जो निवेश हुआ है उस पैसे को भी केंद्र ने देने से इनकार कर दिया है उस पर भी अभी कोई हल सामने नहीं आया है।

 
अब ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2024 इस विषय पर एक निर्णायक विषय बनकर सामने आएगा सभी की निगाहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ है और ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले पूरे देश में पुरानी पेंशन पर एक ठोस निर्णय सरकार ले सकती है।

 

पेंशन को लेकर तीन ऑप्शन पर पीएफआरडी कर रहा है विचार
कर्मचारियों के लिए पहला ऑप्शन यह है कि आंध्र प्रदेश में जो योजना चलाई जा रही है इस योजना के अंतर्गत कर्मचारियों को पेंशन का लाभ दिया जाए जिसमे अंतिम वेतन का आधी पेंशन मिलने लगे पीएफआरडी इस पर भी विचार कर रहा है कि आंध्र प्रदेश की तर्ज पर कर्मचारियों को मूल वेतन का 50% पेंशन मिलने लगे। इसके लिए कर्मचारियों से कुछ अंशदान लिया जाए।

 
कर्मचारियों की पेंशन को लेकर दूसरे ऑप्शन पर भी
चर्चाएं चल रही हैं जिसमें एनपीएस के अंतर्गत ही कर्मचारियों को बेसिक सैलरी का 50% पेंशन देने का प्रावधान पर विचार किया जा रहा है। अर्थात पुरानी पेंशन के समान एनपीएस में भी मूल वेतन का आधा अर्थात 50% पेंशन तो मिलेगी परंतु महंगाई राहत का लाभ पेंशन भोगियों को नहीं मिल पाएगा।

 

कर्मचारियों के लिए तीसरा ऑप्शन है कि अटल पेंशन योजना के समान न्यूनतम पेंशन की गारंटी तय की जाए पीएफआरडी के माध्यम से योजना चल रही है जिसमें इस योजना के अंतर्गत 1000 से लेकर ₹5000 तक पेंशन लिमिट तय की गई है। इसी तर्ज पर कर्मचारियों को भी  गारंटी न्यूनतम पेंशन की गारंटी तय की जाए इस पर चर्चाएं चल रही हैं परंतु फाइनली अभी कुछ नहीं हुआ है।

 

कर्मचारियों को पेंशन के मामले पर इन तीनों विचारों पर पीएफआरडी विचार मंथन कर रहा है हालांकि फिलहाल इस पर भी कोई निर्णय नहीं हो पाया है क्योंकि अभी अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं हुई है नियुक्ति होने के पश्चात ही इन तीन मुद्दों में से या अन्य किसी विकल्प पर विचार किया जा सकता है।

 
इस पूरी खबर पर अभी किसी भी तरह की आधिकारिक पुष्टि सामने नहीं आई है।

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