मध्यप्रदेश के 2.50 लाख से अधिक इन कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाएगा।
मध्यप्रदेश में आगामी नवंबर माह में विधानसभा चुनाव संपन्न होना है इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डीए बढ़ाने के साथ-साथ चतुर्थ समयमान वेतनमान देने का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री जी की घोषणा के बाद कर्मचारियों के बीच यह सवाल सामने आया क्या हमें चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ मिलेगा तो हम बता दें कि मध्य प्रदेश में 435000 नियमित कर्मचारी हैं इनमें से ढाई लाख से अधिक कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाएगा।
समयमान वेतनमान की पात्रता
1 जनवरी 2016 से क्रमोन्नति वेतनमान के स्थान पर समयमान वेतनमान दिया जाता है 10 साल की सेवा पूर्ण करने पर प्रथम समयमान वेतनमान मिलता है।
20 साल की सेवा भी पूर्ण करने पर द्वितीय समयमान वेतनमान दिया जाता है ।
30 साल की सेवा पर कर्मचारियों को 3rd वेतनमान मिलता है ।
35 साल की सेवा पूर्ण करने पर चतुर्थ समयमान वेतनमान मिलता है।
मध्यप्रदेश में ढाई लाख से अधिक कर्मचारी हैं जिन्हें चतुर्थ समयमान वेतनमान पाने के लिए 35 साल की सर्विस पूर्ण नहीं हो पा रही है जिसके कारण यह लाभ इन कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा।
इन कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा चतुर्थ वेतनमान का लाभ।
एक उदाहरण के से आपको समझा देते हैं कि
यदि आप 40 वर्ष की उम्र में शासकीय सेवा में आते हैं तो आपको 62 साल की उम्र होते होते मात्र 22 साल होंगे ऐसे में आपको चतुर्थ वेतनमान का लाभ नहीं मिल पाएगा।
यदि आप 27 साल की उम्र में शासकीय सेवा में आते हैं तो आपको 62 साल की उम्र में 35 साल होंगे तब आपको चतुर्थ वेतनमान का लाभ मिलेगा।
ऐसे शासकीय कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 1988 में हुई है 2023 तक 35 साल होते हैं। (1988+35=2023) तो ऐसे सभी कर्मचारियों को चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ मिल पाएगा अर्थात 1988 में नियुक्त होने वाले कर्मचारियों को 2023 में चतुर्थ वेतनमान की पात्रता होगी।
इसमें ऐसे कर्मचारी आते हैं जिन की सेवा अवधि 35 साल की नई हुई है जैसे कि दैनिक वेतन भोगी karmchari, अध्यापक संवर्ग जिनकी नियुक्ति दिनांक 2018 तय कर दी गई है जिसके कारण अध्यापक संवर्ग को भी इसका लाभ नहीं मिल पाएगा और ऐसे बहुत से कर्मचारी वर्ग हैं चतुर्थ समयमान वेतनमान का लाभ नहीं मिलेगा।
सीएम शिवराज👇
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