केंद्र की मोदी सरकार का NPS में सुधार को लेकर कमेटी गठित, विजय कुमार बंधु ने कहा NPS में सुधार नहीं पुरानी पेंशन ही चाहिए
देश में पुरानी पेंशन को लेकर कई राज्यों में धरना प्रदर्शन आंदोलन चल रहे हैं कर्मचारी संगठन लगातार सड़कों से लेकर सदन तक अपनी आवाज पुरानी पेंशन को लेकर बुलंद कर रहे हैं। NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु पुरानी पेंशन को लेकर सभी कर्मचारियों को एकजुट कर पुरानी पेंशन की बहाल के लिए पूरे देश में संघर्षरत हैं।
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NPS में सुधार हेतु गठित कमेटी की घोषणा का वीडियो देखे👇
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कमेटी गठित का वीडियो
पुरानी पेंशन की बहाली की शुरुआत राजस्थान ने की इसके बाद और भी राज्यों ने पुरानी पेंशन बहाल कर दी ऐसे में अब जहां आगामी महीनों बाद विधानसभा चुनाव होना है जिसमें कर्नाटक मध्यप्रदेश अंभई। पुरानी पेंशन का है मुद्दा कई राज्यों में गहराता जा रहा है।
विधानसभा हो लोकसभा हो या राज्यसभा हो यहां पर भी कई नेताओं ने सांसद विधायकों ने संसद में पुरानी पेंशन बहाल को लेकर सरकार से आवेदन निवेदन किया कई पत्र लिखे।
इन सब गतिविधियों को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में कहा कि हम पुरानी पेंशन की दिशा में या यह कहें कि एनपीएस में सुधार को लेकर एक कमेटी गठित कर दी है और इस संदर्भ में वित्त मंत्रालय ने आदेश भी जारी कर दिया है।
एनपीएस की पूरी रूपरेखा की यह कमेटी अध्ययन करेगी और इसमें कर्मचारी के हित में क्या सुधार हो सकता है पर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक बयान सामने आया था उन्होंने कहा था कि यदि किसी मामले को लटकाना हो पेंडिंग में डालना हो तो कमेटी बना दो सब कमेटी बना दो जनता पूछती रहेगी मंत्रियों से कि उसका क्या हुआ तो मंत्री आसानी से जवाब दे देंगे कमेटी बना दी है रिपोर्ट आएगी उसके बाद हम उसे लागू कर देंगे रिपोर्ट कब आएगी कब उस पर एक्शन लेगी इसका कोई अता पता नहीं होता।
वही NMOPS के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने स्पष्ट कर दिया कि हमें एनपीएस में सुधार नहीं पुरानी पेंशन ही चाहिए और हम इसे लेकर रहेंगे यह हमारे बुढ़ापे की लाठी का सहारा है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है इसमें लोगों की रक्षा लोगों के हितों का ध्यान रखा जाता है जिस तरीके से हम परिवार में अपने बुजुर्ग मां-बाप की सेवा करते हैं उनके लिए जरूरत की चीज बुढ़ापे में मुहैया कराते हैं यह पिता के प्रति पुत्र का दायित्व होता है ।
इसी प्रकार राज्य सरकारों का भी एक दायित्व है कर्मचारी अपने बहुमूल्य समय लगभग अपने जीवन का 30 से 40 वर्ष शासकीय सेवा में देता है तो सरकार का भी नैतिक दायित्व बनता है कि बुढ़ापे में कम से कम ऐसी पेंशन तो मिले जिससे कि वह अपना जीवन यापन कर सके।
विजय कुमार बंधु ने एनपीएस की खामियों को बताते हुए कहा ऐसे हजारों केस है जहां पर कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद ₹800 , ₹2000 , ₹3200 और ₹4404 पैंशन मिल रही है ऐसे में इतनी कम मासिक पेंशन पर मैं अपना कैसे गुजारा कर सकता है।
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