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कर्मचारियों की वरिष्ठता (1998 से मिलेगी वरिष्ठता) पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

   

कर्मचारियों की वरिष्ठता (1998 से मिलेगी वरिष्ठता)  पर हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला

 
मध्यप्रदेश में कई कर्मचारी अपनी वरिष्ठता को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं लगातार मध्य प्रदेश सरकार से नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता की मांग कर रहे हैं परंतु सरकार ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं होता है इससे नाराज होकर अब कर्मचारी संगठनों ने हाईकोर्ट की शरण लेना शुरू कर दिया है इसी कड़ी में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने हाईकोर्ट का रुख किया याचिका दायर की और एक महत्वपूर्ण फैसला हाईकोर्ट ने सुनाया की नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का प्रदान करने वाले आवेदनों पर विचार कर शीघ्र समस्या का समाधान करें।

 

हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के उन कर्मचारियों का जिन्हें 1998 में नियुक्त किया गया था और सन 2005 में नियमित कर दिया गया। यह पूरा मामला उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश विवेक अग्रवाल की एकल पीठ के समक्ष सामने आया सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता राजकुमार पांडे अरुण साहू सुनील कुमार गायकवाड पर राजेश राऊलकर की ओर से अधिवक्ता के रूप में रविन्द्र श्रीवास्तव बस सोनाली श्रीवास्तव ने हाईकोर्ट में पक्ष रखा।

 

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि 1998 बिजली विभाग में इन कर्मचारियों की भर्ती हुई थी 1998 वादे ने 6 महीने की ट्रेनिंग पर भेज दिया गया तब से वह निरंतर विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं सन 2005 में नियमितीकरण कर दिया गया । इन बिजली विभाग के कर्मचारियों को 2005 में नियमित किया गया तब से ही उन्हें नवीन नियुक्ति मानी गई है जिससे उनकी वरिष्ठता प्रभावित हो रही है।

 

हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लिया और एक राहत कारी आदेश पारित किया । हाईकोर्ट ने नियोक्ता को निर्देशित किया है कि वह नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता का लाभ प्रदान करने वाले अभ्यावेदन पर विचार करे इस समस्या का निराकरण करें।

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