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मध्यप्रदेश के मैहर में पुरानी पेंशन को लेकर आई एक बड़ी खबर विधायक ने किया बड़ा खुलासा

   

मध्यप्रदेश के मैहर में पुरानी पेंशन को लेकर आई एक बड़ी खबर विधायक ने किया बड़ा खुलासा 


 

मैहर महाकुम्भ में आज एक जानदार और शानदार विधायक श्री नारायण त्रिपाठी जी ने सभी कर्मचारियों और नेताओं को आइना दिखा दिया।

पहली बार सत्ता पक्ष के किसी विधायक ने कहा कि मैं सत्य की लड़ाई के साथ हूँ। आप सरकार से ऐसे मांगोगे तो मुख्यमंत्री भी मना नही करेंगे। यह कटाक्ष उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ साथ कर्मचारी नेताओ पर भी किया। उनके शब्दो मे साफ था कि न आपको लेते आ रहा है न सरकार देगी। 

 

आप 4 लाख लोग लेकर भोपाल भर दो उस दिन आप जो चाहोगे सब मिलेगा। पेंशन आपका हक है और हक मांगे नही जाते लिए जाते है।  उन्होंने आपके भाई जावेद खान की बात का समर्थन करते हुए अपनी बात शुरू की। 

 

दोस्तो आज मैहर मे संख्या अन्य आयोजनों की तुलना ने बहुत कम थी। मैं आपसे जो घर बैठे है से कहना चाहता हूं कि अगर आप भाग्य और सरकार के भरोसे बैठे हो तो आप कुछ हासिल नही कर सकोगे। हमे सांस्कृतिक आयोजन नही करना है बल्कि आंदोलन करना है। 

 

और वर्तमान आयोजन आंदोलन के मार्ग से भटक रहे है। यह बहुत बड़ी बात है कि सभी विभाग  एक जाजम पर है किंतु  हम उस स्तर के आंदोलन की रचना करने में असफल हो रहे है।

मैंने अपने उदबोधन में परमानन्द डेहरिया जी को सलाह दी कि ये समय वैचारिक क्रांति का है इस समय ने स्वागत सत्कार की परिपाटी बंद की जाकर अर्जुन की तरह मछली की आंख पर निशाना लगाए जाने पर ध्यान देने की जरूरत है। 

 

विधायक त्रिपाठी जी की बात का सार लिखूं तो सीधे शब्दों में उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश के कर्मचारियों में पेंशन लेने का दम नही है और अगर है तो ताकत दिखाओ।

साथियों आपसे करबद्ध निवेदन कर रहा हूँ अगर पुरानी पेंशन लेना है तो कर्मवीर बनो और मैदाने जंग मे आ जाओ अन्यथा बहुत जल्दी आध्यात्मिक बाते करते नजर आओगे।

 

दोस्तो  श्री नवनीत चतुर्वेदी ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि समय रहते आप हमारे आदेश कर दीजिए अन्यथा चुनावी परीक्षा मे हम आपको अनुत्तीर्ण कर देंगे। 

वरिष्ठता पर खूब स्वर मुखर हुए। विजयबन्धु जी ने भोपाल आयोजन का प्रस्ताव दिया है । फरवरी माह में वे चाहते है कि यह आयोजन हो जाये लेकिन मेरा मानना है कि भोपाल आव्हान का यह समय अनुकूल नही है,पहले हमें कर्मचारियों के घर घर तक इंकलाबी क्रांति के लिए पुख्ता जोश भरना होगा। वर्तमान में यह घातक होगा। 

 

दोस्तो परमानंद डेहरिया जी मेहनतकश इंसान है। उन्होंने मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए अथक परिश्रम किया है,किन्तु एक गलत निर्णय हमारी सारी मेहनत पर ठीक उसी तरह पानी फेर देगा जैसे अन्य संगठनों के साथ हुआ।

 

परमानंद जी ने एक बात अच्छी कही यह लड़ाई सत्ता बदलने की नही व्यवस्था बदलने की है। और मेरा कहना है कि व्यवस्था बदलने से पहले व्यवस्थित होने की आवश्यकता है।

बहरहाल मैहर के आयोजकों को उनकी मेहनत के लिए साधुवाद । 

 

इस अवसर पर आजाद शिक्षा परिषद के महासचिव अजय बख़्शी,रमाशंकर तिवारी जी राजेश जोशीजी,सतीश राठौर अखिलेश पांडे सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

आपका भाई

जावेद खान

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