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आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण (EWS) को 10% आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का आज आया बड़ा फैसला

   

आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण (EWS) को 10% आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का आज आया बड़ा फैसला


 
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के सवर्ण के लिए 10% आरक्षण की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट में आज 7 नवंबर को सुनवाई हुई सुनवाई के दौरान बड़ा फैसला सुनाया गया सुप्रीम कोर्ट के के जस्टिस यू ललित की अध्यक्षता में पंच जजों की बेंच ने 7 दिनों तक इस मामले में सुनवाई की।

 
आज 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के पंच जजों की बेंच द्वारा ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण के मामले में फैसला आया फैसले में पंच जजों में से तीन जज द्वारा ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण देने के पक्ष में फैसला सुनाया वही पांच में से 2 जज द्वारा EWS को 10% आरक्षण के खिलाफ फैसला सुनाया गया।

 

सुप्रीम कोर्ट में पंच जजों का फैसला 3- 2 से सामने आया इससे अब स्पष्ट है की देश में सरकारी नौकरी शैक्षणिक संस्थान या अन्य जगह पर  ईडब्ल्यूएस को 10% आरक्षण लागू रहेगा।

 

सुप्रीम कोर्ट में पंच जजों ने क्या कहा
1. जस्टिस दिनेश माहेश्वरी
सवाल बड़ा ये था कि क्या आर्थिक रूप से पिछड़े सावन वर्ग को (EWS) आरक्षण संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। क्या इससे अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग  को बाहर रखना मूल भावना के खिलाफ है।

 

उन्होंने आगे कहा कि EWS आरक्षण संविधान का उल्लंघन नही करता. EWS आरक्षण सही ठहराया ।  ये भारतीय संविधान के किसी प्रावधान का उल्लंघन नहीं करता।
ये भारत के संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन नहीं करता है। EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण पर पर फैसला सुनाया।

 

2. जस्टिस बेला त्रिवेदी
जस्टिस बेला त्रिवेदी ने कहा, मैंने जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की राय पर  EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण के पक्ष में फैसला सुनाएं।

 
3.  जस्टिस पारदीवाला
जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि आरक्षण कोई अंतिम सीमा रेखा नहीं है. ये तो प्रारंभिक है सबको समान बनाने के लिए इसलिए EWS को 10 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए ।

 
4.  जस्टिस रविंद्र भट्ट ने कहा

जस्टिस रविंद्र भट्ट ने  आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग (EWS) को 10% आरक्षण देने पर असहमति व्यक्त की।

 
5.  चीफ जस्टिस यूयू ललित ने कहा
चीफ जस्टिस यूयू ललित न भी आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण वर्ग (EWS) को 10% आरक्षण देने के खिलाफ रहे।

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