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शिक्षा विभाग में बीच सत्र में पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा की घोषणा क्यों - हाईकोर्ट

   

शिक्षा विभाग में बीच सत्र में पांचवी आठवीं बोर्ड परीक्षा की घोषणा क्यों - हाईकोर्ट

 

मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राथमिक माध्यमिक विद्यालय कक्षा 5वीं एवं आठवीं बोर्ड परीक्षा घोषित होने के बाद पूरा मामला हाई कोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब तालाब किया।

 

हम आपको बता दें की राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल द्वारा सितंबर महीने में एक आदेश जारी किया था की माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबंध स्कूलों में पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर आयोजित कराई जाएंगी ।

 

इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई जज एस ए धर्माधिकारी की एकलपीठ ने राज्य शासन को इस मामले में अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है और कहा है की इस के संबंध में एक सप्ताह में अपनी जानकारी अपना अभिमत प्रस्तुत करें।

 

 अशासकीय विद्यालय परिवार जबलपुर के अध्यक्ष मोहन नागवानी ने याचिका दायर की। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीपक पंचवानी ने दलील प्रस्तुत की । दीपक पंचवानी अधिवक्ता ने कहा की बीच सत्र में इस तरह का आदेश बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है अच्छा छात्रों को नई पुस्तक खरीदनी पड़ेगी एनसीईआरटी पाठ्यक्रम की पुस्तक खरीदनी पड़ेगी।

 
बीच सत्र में परीक्षाओं को बोर्ड पैटर्न पर आयोजित करने का फैसला सरकार का विधि संवत नहीं है।
कुल मिलाकर कक्षा पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं को मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है अगली सनी 14 नवंबर को है देखना यह है की सनी के दौरान हाई कोर्ट क्या फैसला देती है।

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