मप्र के स्कूलों में ट्रांसफर के बाद युक्तियुक्तिकरण की प्रक्रिया शुरू
मध्यप्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश के समस्त शासकीय स्कूलों में शिक्षकों के लिए अब अतिशेष की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है इसके लिए लोक शिक्षण संचनालय ने इसकी पुरी तैयारी शुरू कर दी है डाटा को अपडेट किया जा रहा है जिससे की यह पता लग सके की किस जिले में कितने शिक्षक अतिशेष की श्रेणी में रहे हैं।
लोक शिक्षण संचालनालय के आयुक्त श्री अभय वर्मा ने बताया है की ट्रांसफर स्थानांतरण के तहत अतिशेष शिक्षकों का युक्ति युक्तिकरण किया जाना है। ट्रांसफर पॉलिसी ओर ट्रांसफर होने के बाद अब युक्तियुक्तकरण के प्रक्रिया शुरू होगी।
स्कूल शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश में 20000 ऐसे शिक्षक हैं जो शहरी क्षेत्र में अतिशेष है अर्थात शहरी क्षेत्र में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या ज्यादा है जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षक कम है।
अभी हाल ही में शिक्षकों के ऑनलाइन स्थानांतरण किए गए इसमें मध्य प्रदेश के ऐसे कई जिलों को लॉक किया गया था जहां पर स्थानांतरण रोका गया था उसका मतलब भी यही है की वहां पहले से ही इतने ज्यादा शिक्षक मौजूद है और यदि अन्य जिले से कोई शिक्षक ट्रांसफर होकर उसे जिले में पहुंच जाता पहुंच जाता तो शिक्षकों की ओर ज्यादा भरमार हो जाती इसलिए मध्य प्रदेश के 19 से ज्यादा जिलों को लॉक किया गया था।
शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी मंच से कह चुके हैं की आगामी माह में मध्य प्रदेश के स्कूलों में अतिशेष युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी ऐसे में जिस स्कूल में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षक ज्यादा होंगे उन शिक्षकों को अतिशेष कर शिक्षक विहीन शालाओं में या जहां शिक्षक कम है उन शालाओं में भेजने का काम किया जाएगा।
अतिशेष युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया क्या है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत अतिशेष और युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया का तात्पर्य है की छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की व्यवस्था स्कूल में होना चाहिए छात्र संख्या कम हो शिक्षक अधिक है तो ऐसे अधिक शिक्षकों को अतिशेष मान कर जहां पर शिक्षक कम होते हैं वहां पर भेजा जाता है।
अतिशेष की प्रक्रिया वैसे तो हर वर्ष होना चाहिए परंतु कई वजह के कारण यह प्रक्रिया प्रतिवर्ष नहीं हो पाती है जिसके कारण शहरों में शिक्षकों की संख्या अधिक हो जाती है क्योंकि सभी चाहते हैं उनका ट्रांसफर जिला मुख्यालय पर हो घर के नजदीक हो इसीलिए जिलों में छात्र संख्या के मान से शिक्षकों की संख्या अधिक होती है जबकि ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षक जाने से कतराते हैं।
दूसरा कारण यह भी है की मध्य प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी है जिसके कारण अतिशेष की प्रक्रिया होने के बाद भी कई विद्यालयों में छात्र संख्या के मान से शिक्षक उपलब्ध नहीं हो पाते हैं इसका जीता जगत उदाहरण यह है की मध्य प्रदेश में हजारों अतिथि शिक्षक वर्तमान में काम कर रहे हैं इसका मतलब यही है की स्कूलों में शिक्षकों की कमी है
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