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राजीव गांधी हत्याकांड में आज सुप्रीम कोर्ट ने छह आरोपियों को रहा किया/ कौन है यह 6 आरोपी देखें

   

राजीव गांधी हत्याकांड में आज सुप्रीम कोर्ट ने छह आरोपियों को रहा किया/ कौन है यह 6 आरोपी देखें

 
सुप्रीम कोर्ट ने आज राजीव गांधी की हत्या के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया हत्या के मामले में जेल में बंद सभी छह दोषियों को आज रिहाई का आदेश जारी कर दिया । आगे कहा  अगर इन दोषियों पर कोई अन्य मामला दर्ज नहीं हैं तो इन्हे रिहा कर दिया जाय।

 
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा है की काफी लंबे समय से राज्यपाल ने इस मामले पर कोई कदम नहीं उठाया इसलिए यह कदम अब हमें उठाना पड़ रहा है कोर्ट ने आगे कहा किस मामले में दोषी पाए गए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश बाकी अन्य आरोपियों पर भी लागू होगा आपको बता देंगे इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में पेरारिवलन को रहा करने का आदेश जारी किया था।

 

ये 6 दोषी जो अब रिहा होगे उनके नाम देखे
1. नलिनी
2. रविचंद्रन
3. मुरुगन
3. संथन
4. जयकुमार
5. रॉबर्ट पॉयस
6. पेरारिवलन

 
इन छह आरोपियों में से पेरारिवलन को पहले ही रिहा किया जा चुका है सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को जेल में अच्छे व्यवहार के कारण पेरारिवलन को रहा करने का आदेश जारी किया था जस्टिस एल नागेश्वर की बेंच ने आर्टिकल 142 का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया था।

 

राजीव गांधी की 21 मई 1991 में चुनावी रैली के दौरान एक आत्मघाती हमले में एक महिला द्वारा माला पहनने के दौरान बम ब्लास्ट हुआ और राजीव गांधी सहित 18 लोगों की इस आत्मघाती हमले में मौत हो गई थी इस पूरे मामले में 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें 12 लोगों की मौत हो चुकी है। और 26 लोग पकड़ लिए गए थे।

 

जिसमें श्रीलंका और भारतीय नागरिक शामिल द आरोपियों में प्रभाकरण, पोट्टू ओम्मान और अकीला थे इन आरोपियों पर टाडा  तहत करवाई भी की गई 7 साल तक चली कानूनी करवाई के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट ने 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई थी।  

 

जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई क्योंकि टाडा कोर्ट के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सकती इसलिए इसे सीधे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को बदल दिया तीन जनों की बेंच ने इस पूरे मामले में अपना फैसला सुनाया।

 
जिसमें 26 में से 19 आरोपियों को रहा कर दिया गया बाकी सात आरोपियों को फांसी की सजा को बरकरार रखा जिसे बाद में उम्र कैद में बदल दिया गया।

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