मप्र अध्यापक संवर्ग को बड़ा झटका/ वर्ष 1998 से 2017 की सेवा अवधि शून्य /खबर नही आदेश देखे
मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग में अध्यापक संवर्ग के लिए एक बड़ा झटका बड़ा आदेश हुआ है जारी इस आदेश के बाद अब अध्यापकों की 1998 से लेकर 2017 तक की सेवा अवधि की गणना शून्य हो जाएगी यह खबर नहीं है इसका आधिकारिक आदेश जारी हो गया है।
साथिया दरअसल जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर ने का आदेश जारी किया है उस आदेश से स्पष्ट है अध्यापक संवर्ग की ऐसे तमाम साथी जिनका राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन हुआ है उनकी सेवा अवधि की गणना 1 जुलाई 2018 से ही मांग की जाएगी इससे पूर्व की सेवा अवधि की गणना शून्य रहेगी।
दरअसल साथियों प्राथमिक शिक्षक दीपचंद चौधरी का रिटायरमेंट 30- 11- 2021 को गया था उसके बाद प्राथमिक शिक्षक महोदय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन दिया गया कि उन्हें ग्रेजुएटी का लाभ दिया जाए।
उक्त आवेदन के संदर्भ में जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर महोदय ने प्राथमिक शिक्षक दीपचंद चौधरी को पत्र जारी किया उसमें उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आप को ग्रेजुएटी का लाभ नहीं दिया जा सकता। क्योंकि आपका राज्य शिक्षा सेवा में सम्मेलन 1 जुलाई 2018 को हुआ है और आपका रिटायरमेंट (सेवानिवृत्ति) 30-11-2021 को इस प्रकार से कुल 3 वर्ष 5 माह की कोई सेवा अवधि होती है इसीलिए आपको ग्रेजुएट का लाभ नहीं दिया जा सकता। क्योंकि ग्रेजुएटी के लिए कम से कम नियमित पद पर 5 वर्ष की सेवा होना अनिवार्य है।
आदेश से स्पष्ट होता है कि अध्यापक संवर्ग ऐसे साथी जिनका राज्य शिक्षा सेवा में संविलियन भले ही हो गया है परंतु उनकी सेवा अवधि की गणना 1 जुलाई 2018 से ही मान्य होगी इससे पूर्व भी सेवा अवधि शून्य हो गई है।
जिला शिक्षा अधिकारी नरसिंहपुर द्वारा यह आदेश जारी किया है साथिया यह आदेश अकेला नहीं है इससे पहले भी इस तरह के कई आदेश कई जिलों द्वारा जारी किए गए हैं।
आदेश देखे 👇
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