कर्मचारी की वेतन वृद्धि रोकी तो हाईकोर्ट का कर्मचारी के हित में फैसला, हाईकोर्ट का आदेश वेतन वृद्धि दो यह उसका अधिकार
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने वेतन वृद्धि को लेकर एक अहम फैसला सुनाया। दरअसल पूरा मामला यह है कि जिस दिन कर्मचारी रिटायर हो रहे थे उसी दिन उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि लगना थी तो सरकार ने विभाग ने यह कहकर वेतन वृद्धि लगाने से इंकार कर दिया कि आप रिटायर हो गए।
दरअसल इंदौर में डीएसपी रहे बसंत कुमार मिश्रा 20 जून 2020 को रिटायर हुए उसी दिन उनकी वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिलना था लेकिन उन्हें कहकर वंचित कर दिया गया कि आप रिटायर हो गए हैं नौकरी में नहीं है इसलिए आपको वेतन वृद्धि नही दी जा सकती। इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी याचिका दायर की।
इंदौर में डीएसपी रहे बसंत कुमार मिश्रा ने अधिवक्ता आनंद अग्रवाल के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सरकार के उस आदेश को गलत ठहराया जिसमें उन्होंने वेतन वृद्धि रोक दी थी हाईकोर्ट ने कहा कि वेतन वृद्धि साल भर के प्रदर्शन के आधार पर होती है। इंदौर में डीएसपी रहे बसंत कुमार मिश्रा ने रिटायरमेंट से पहले पूरे साल नौकरी की सभी आदेशों का पालन किया वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना चाहिए।
दायर याचिका में कहा गया 1 जुलाई 2020 को वेतन वृद्धि की गणना होती है। और रिटायरमेंट वैसे भी पूरा दिन खत्म होने के बाद होता है । जबकि शासन ने कहा कि रिटायरमेंट के अगले दिन से वेतन भी लागू होती है इसीलिए वेतन बदली नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने इस बात को गलत ठहराया।
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