Header Ads Widget

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन लागू तब भी शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक अध्यापकों को नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन

   

मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन लागू तब भी शिक्षाकर्मी, संविदा शिक्षक अध्यापकों को नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन

 
*ग्रेच्यूटी के लिए 5 साल जरूरी
और पुरानी पेंशन के लिए 10 साल जरूरी सेवा। अब मप्र शिक्षाकर्मी-अध्यापक संवर्ग की राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति 2018 है।
ग्रेच्यूटी के लिए 5 साल , पुरानी पेंशन के लिए 10 साल जरूरी
पुरानी सेवा शून्य अब 2018 के हिसाब से 2023 में 5 वर्ष और 2028 में 10 वर्ष होंगे इनके पहले सेवानिवृत्त होने वालों को न तो ग्रेच्युटी और न ही पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा।

 

यदि मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होती है तो जो शिक्षाकर्मी अध्यापक शिक्षक 2023 तक नौकरी करेगा उसे  ग्रेच्यूटी
का लाभ मिलेगा और जो अध्यापक शिक्षक कर्मी 2028 तक नौकरी करेगा उसे पुरानी पेंशन का लाभ मिलेगा । यदि इससे पहले अध्यापक शिक्षा कर्मी सेवानिवृत्त हो जाता है तो ना उसे ग्रेच्यूटी मिलेगी न उसे पुरानी पेंशन मिलेगी।

 
शिक्षाकर्मी संविदा शिक्षकों अध्यापकों को नहीं मिलेगी पुरानी पेंशन
1995 से लेकर 2007 तक शिक्षाकर्मी संविदा शिक्षकों ने किया संघर्ष तब जाकर राज्य शिक्षा सेवा का गठन हुआ और उन्हें शासकीय कर्मचारी के तौर पर सेवाएं देने का अवसर मिला। साथियों जिन्होंने  राज्य शिक्षा सेवा की नींव रखी संघर्ष किया शिक्षा कर्मी संविदा शिक्षक और अध्यापक पुरानी पेंशन से वंचित होने जा रहे हैं ।

 

जबकि राज्य शिक्षा सेवा में नवीन भर्ती में जो शिक्षक नियुक्त हो रहे हैं उन्हें जरूर पुरानी पेंशन का लाभ आसानी से मिल जाएगा । मतलब जिसने संघर्ष किया लाठी खाई आंदोलन किए उन्हें पुरानी पेंशन नहीं मिलेगी परंतु नए लोग नए जो शिक्षक भर्ती होंगे उन्हें जरूर पुरानी पेंशन का लाभ मिल जाएगा।

एक टिप्पणी भेजें

1 टिप्पणियाँ

  1. ये तो बहुत गलत बात है सबको पुरानी पेंशन मिलना चाहिए

    जवाब देंहटाएं

ब्लॉक पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद