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अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का 2 अक्टूबर को होगा महा आंदोलन 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को सौंपेंगे ज्ञापन

   

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा का 2 अक्टूबर को होगा महा आंदोलन 17 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को सौंपेंगे ज्ञापन


 

अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने मध्य प्रदेश के सभी जिलों में 2 अक्टूबर को महा आंदोलन का ऐलान कर दिया है और इस के संदर्भ में पत्र भी प्रमुख सचिव को लिखा है पत्र में लिखा है कि मध्य प्रदेश में शासकीय कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर 2 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष दोपहर 2 घंटे 12:00 बजे से 2:00 बजे तक उपवास रखा जाएगा।  तत्पश्चात मुख्यमंत्री व प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा जाएगा।

 
ज्ञापन में 17 सूत्री मांग
1. मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाल की जाए
2. कर्मचारियों की पदोन्नति प्रारंभ की जावे
3. लिपिक संवर्ग को मंत्रालय के समान समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए। एवं विभागों के सभी कर्मचारियों को समयमान वेतनमान का आदेश जारी हो।

 
4. अध्यापक संवर्ग जिसका राज्य शिक्षा सेवा में नियुक्ति शब्द इस्तेमाल किया गया है उसे संविलियन कर प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता दी जावे।
5. सहायक शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक हेड मास्टर को उनकी योग्यता वरीयता के आधार पर पद नाम परिवर्तन किया जाए।

 
6. मध्य प्रदेश के समस्त अधिकारी कर्मचारी निगम मंडलों में कार्यरत कर्मचारी सभी को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिया जाए।
7. सर्वप्रथम दैनिक वेतन भोगी संविदा कर्मी नियमित कर्मियों को विभागों में रिक्त पदों पर नियमित करण कर शेष रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जावे।
8. प्रदेश में ऐसे अधिकारी कर्मचारी जिनको सातवें वेतनमान का लाभ नहीं मिला है उन्हें सातवें वेतनमान का लाभ दिया साथ ही केंद्र के समान गृह भाड़ा भत्ता का लाभ दिया जाए।

 
9. प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता , एरियर के साथ दिया जावे।
10. मध्य प्रदेश के पंचायत सचिव एवं नियमित कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।


 
11. वन विभाग के कर्मचारियों की बिना जांच के कोई भी अपराध प्रकरण में गिरफ्तार ना किया जाए।

 
12. स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की लंबित मांगों का शीघ्र निराकरण किया जावे।
13. वाहन चालकों की नियमित भर्ती की जावे एवं टैक्सी प्रथा को समाप्त किया जाए।
14. भृत्य का नाम परिवर्तन कर कार्यालय सहायक किया जाए।
15. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार नियमित किया जाए एवं पेंशन ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाए।

 
16. मध्यप्रदेश में सभी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का शीघ्र निराकरण कर अनुकंपा नियुक्ति के नियमों का सरलीकरण किया जाए।
17. आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय ₹10000 किया जावे।

 
पत्र में आगे कहा गया है कि उपरोक्त सभी मांगों का निराकरण कर तत्काल आदेश जारी किया जाए आदेश जारी ना होने पर अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा प्रदेश में एक बड़ा आंदोलन करेगा। जिसकी जिम्मेदारी मध्य प्रदेश सरकार की होगी।
जितेंद्र सिंह
प्रदेश अध्यक्ष

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