अनुकंपा नियुक्ति नियमित पद पर दी जाए संविदा पर नहीं हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
अनुकंपा नियुक्ति पूर्णकालिक नियुक्ति है
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर संविदा नियुक्ति देने और बाद में वह भी निरस्त करने के सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की । हाईकोर्ट ने कहा कि नियत इस बात की इजाजत नहीं देते की अनुकंपा नियुक्ति को संविदा में तब्दील कर दिया जाए। अनुकंपा पूर्णकालिक नियुक्ति है इसलिए अनुकंपा में संविदा आधार पर नियुक्ति देना अवैधानिक है ।
20 साल पुराने मामले में हाईकोर्ट का बड़ा फैसला
इस मत के साथ कोर्ट ने 20 साल पुराने मामले में डायरेक्टर विटनरी साइंस भोपाल को आदेश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को 8 सप्ताह के भीतर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करें। कोर्ट ने कहा है कि अधिकारियों की तरह से गंभीर अन्याय हुआ है जिसके लिए उन पर जुर्माना लगाना उचित है।
आवेदक को ₹100000 का भुगतान करें
कोर्ट ने डायरेक्टर समेत अनावेदक अधिकारियों को सम्मिलित या पृथक तौर पर याचिकाकर्ता को 8 सप्ताह के भीतर ₹100000 अदा करने के निर्देश भी दिए।
अनुकंपा नियुक्ति संविदा पर देना अवैधानिक है
रीवा के धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने अपील प्रस्तुत कर बताया कि उनके पिता असिस्टेंट वेटनरी ऑफिसर के पद पर पदस्थ थे वर्ष 2000 में उनकी मृत्यु हो गई याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि धर्मेंद्र को 26 जून 2002 में संविदा शाला शिक्षक वर्ग 2 के रूप में 3 साल के नियुक्ति दी है उसके 5 माह बाद 26 नवंबर को संविदा नियुक्ति भी कर दी उन्होंने दलील दी कि अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर संविदा पर नौकरी देना पूरी तरह अवैधानिक है।
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