शिक्षा विभाग बड़ा घोटाला / 7 बीआरसी में 24 करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच शुरू /3 सदस्य समिति बनी
जनपद शिक्षा केंद्र के 7 BRC का पर घोटाले का आरोप
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के शिक्षा विभाग ने एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
इस घोटाले में ₹24.50 करोड़ के फर्जी बिलों का भुगतान कर दिया गया।
फर्जी बिलों का भुगतान?
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के साथ बीआरसी को मार्च महीने के मार्च महीने में स्कूलों की रंगाई पुताई व खेल सामग्री खरीदने सहित अन्य मुद्दों में मिली 24 करोड़ पचास लाख से अधिक रकम को खर्च करने के लिए फर्जी बिल वाउचर फर्जी बिल बाउचर लगाए गए। अब इन सभी फर्जी बिल वाउचर की जांच हेतु प्रक्रिया शुरू हो गई है।
राज्य शिक्षा केंद्र ने बनाई जांच समिति
मुरैना जिले में 7 बीआरसी द्वारा ₹245000000 के फर्जी बिलों का भुगतान का मामला सामने आया है और इस के संदर्भ में राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश पर एक 3 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है।
जांच समिति में कौन-कौन शामिल
इस कमेटी में जिला शिक्षा अधिकारी सुभाष चंद्र शर्मा आदिम जाति कल्याण विभाग के जिला संयोजक मुकेश पालीवाल और जिला पंचायत के लेखा अधिकारी एम एम वेंग को शामिल किया गया है।
स्कूलों में मेंटेनेंस व अन्य कार्यों के लिए जारी हुआ था बजट
आपको बता दें कि राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा स्कूलों के मेंटेनेंस सहित सुरक्षा उपकरण अग्निशामक यंत्र खरीदने खेल किट खरीदने एसएनसी ट्रेनिंग मीडिया एक्टिविटी प्रतिभा पर्व व आत्मरक्षा जैसे कार्यों के लिए 24 करोड़ पचास लाख का बजट स्वीकृत किया गया था। यह बजट पहले सीधे सीधे स्कूलों के खातों में पहुंचना था । लेकिन स्कूलों के बैंक खाते अभी विधिवत रूप से नहीं खुल पाए हैं जहां खुल भी गए हैं वहां पर इन खातों का भी संचालन ठीक से नहीं हो रहा है । इसी वजह से यह पूरा का पूरा बजट बीआरसी के खातों में भेज दिया गया था।
उक्त बजट का बीआरसी को क्या कर रहा था
प्राप्त बजट के लिए राज्य शिक्षा केंद्र निर्देश है कि विभिन्न स्कूलों में मेंटेनेंस या अन्य कार्यों के लिए जिस हेतु राशि जारी की गई है उसमें भी कोई कार्य है करवाना है तो विधिवत रूप से बिल शाला प्रबंध समिति स्कूल से प्राप्त कर उनका भौतिक सत्यापन उपरांत उक्त राशि का भुगतान संबंधित फर्म की एजेंसी को किया जाना था । इसी पूरे कार्य में अनियमितता की गई और यह बड़ा घोटाला मुरैना जिले में देखने को मिला।
मामला जांच में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी
क्योंकि मामला अभी जांच में है तभी किसी कंक्लूजन पर नहीं पहुंचा जा सकता कि कौन दोषी है किसने घोटाला किया जांच उपरांत ही सही तथ्य सामने आएंगे तभी जानकारी प्राप्त होगी कि आखिर इस घोटाले में कितनी सच्चाई है
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